अमेरिका जाने का सपना देखने वालों की बल्ले-बल्ले
अमेरिका (America) के दक्षिण और मध्य एशिया के अमेरिकी सहायक विदेश मंत्री डोनाल्ड लू (Donald Loo) वीजा से संबंधित जानकारी दी.
अमेरिकी सहायक विदेश मंत्री डोनाल्ड लू ने इस सप्ताह पीटीआई (PTI) को इंटरव्यू देते हुए बताया कि वो काम करने वालों के लिए वीजा जारी करने के लिए आश्वस्त हैं. वो H-1B और L वीजा जल्द ही जारी करने के लिए काम शुरू करेंगे. H-1B और L वीजा भारत के आईटी पेशेवरों के बीच बेहद ही पॉपुलर है. इसके मदद से भारत के आईटी पेशेवरों को अमेरिका में काम करने में आसानी होती है.
इस साल दस लाख से अधिक वीजा करेंगे जारी- अमेरिका
H-1B वीजा एक गैर-अप्रवासी वीजा है जो अमेरिकी कंपनियों को विदेशी कर्मचारियों को विशेष व्यवसायों में काम करने की अनुमति देता है, जिन्हें सैद्धांतिक या तकनीकी विशेषज्ञता की आवश्यकता होती है.
अमेरिका की टेक कंपनियां भारत और चीन जैसे देशों से हर साल हजारों कर्मचारियों को नियुक्त करने के लिए H-1B वीजा पर निर्भर रहती हैं. अमेरिकी सहायक विदेश मंत्री डोनाल्ड लू ने कहा कि हम इस साल दस लाख से अधिक वीजा जारी करेंगे. ये हमारे लिए एक रिकॉर्ड संख्या है, जिसमें स्टूडेंट वीजा और H1B अप्रवासी वीजा शामिल है.
अमेरिकी और भारतीय अर्थव्यवस्था के लिए अच्छा- डोनाल्ड लू
ये पहली बार है, जब भारत के वीजा आवेदकों को लंबा इंतजार करना पड़ रहा है. इसको लेकर चिंता भी बढ़ रही है. वो भी खासकर H-1 B और H-B2 कैटेगरी के तहत वीजा के लिए अप्लाई किया है. अमेरिका में आने वाले अंतर्राष्ट्रीय छात्रों के मामले में भारत अब दुनिया में दूसरे नंबर पर है. डोनाल्ड लू ने कहा कि हम वर्क वीजा को भी प्राथमिकता दे रहे हैं, जिसे H-1B और L वीजा कहते है. ये अमेरिकी और भारतीय अर्थव्यवस्था दोनों के लिए महत्वपूर्ण है.