कब से कब तक होता है ब्रह्म मुहूर्त..
हिंदू धर्म में मुहूर्त का विशेष महत्व है। इसमें भी ब्रह्म मुहूर्त को बहुत महत्वपूर्ण माना जाता है। आपको बता दें कि ब्रह्म का अर्थ है ईश्वर और मुहूर्त का अर्थ है समय।
अर्थात ब्रह्म मुहूर्त को भगवान का समय कहा जाता है। शास्त्रों में कहा गया है कि कल ब्रह्म मुहूर्त के दौरान सकारात्मक ऊर्जा का प्रवाह अपने चरम पर होता है और इस दौरान देवी-देवता पृथ्वी पर आते हैं। इसलिए इस दौरान पूजा करने से व्यक्ति को विशेष लाभ मिलता है। आइए जानते हैं ब्रह्म मुहूर्त किस समय होता है और इस दौरान व्यक्ति को क्या करना चाहिए।
ब्रह्म मुहूर्त कब से कब तक है?
ब्रह्म मुहूर्त रात्रि के बाद और सूर्योदय से ठीक पहले का समय है। प्रातः 4 बजे से 5.30 बजे तक के समय को ब्रह्म मुहूर्त कहा जाता है।
ब्रह्म मुहूर्त का महत्व
ब्रह्म मुहूर्त में उठना हमारे जीवन के लिए बहुत फायदेमंद है। इससे हमारा शरीर स्वस्थ रहता है और पूरा दिन ऊर्जावान बना रहता है। ऋग्वेद में कहा गया है कि - प्राप्त रत्नं प्रातरित्वा दधाति तम चिकित्वान्प्रतिगृह्य नि धत्ते। तेन पेजं वर्ध्यमान आयु रायस्पोषेण सचते सुवीरः अर्थात जो व्यक्ति सुबह सूर्योदय से पहले उठता है उसे अच्छे स्वास्थ्य का रत्न प्राप्त होता है, इसलिए बुद्धिमान लोग उस समय को बर्बाद नहीं करते हैं। जो व्यक्ति सुबह जल्दी उठता है वह बलवान, स्वस्थ, बलवान, सुखी, दीर्घायु और वीर होता है। हमारे ऋषि-मुनियों ने भी इस मुहूर्त का विशेष महत्व बताया है। उनके मुताबिक, नींद छोड़ने का यह सबसे अच्छा समय है। ब्रह्म मुहूर्त में उठने से सौंदर्य, बल, विद्या, बुद्धि और स्वास्थ्य की प्राप्ति होती है।
ब्रह्म मुहूर्त में न करें ये काम
- सुबह उठने के तुरंत बाद या ब्रह्म मुहूर्त में भूलकर भी खाना नहीं खाना चाहिए। ऐसा करना स्वास्थ्य की दृष्टि से भी शुभ नहीं माना जाता है। इस समय भोजन करने से कई तरह की बीमारियां हो सकती हैं।
- ब्रह्म मुहूर्त के समय वातावरण शांत होता है। यह समय जीवन में महत्वपूर्ण निर्णय लेने और महत्वपूर्ण योजनाएँ बनाने के लिए बहुत उपयुक्त माना जाता है। इसलिए ब्रह्म मुहूर्त के दौरान कभी भी मन में नकारात्मक भावना नहीं लानी चाहिए। नहीं तो आप दिन भर तनावग्रस्त रहेंगे, जिससे मानसिक परेशानी भी हो सकती है।